Skip to main content

Highlights of Economic Survey 2011-12|आर्थिक समीक्षा 2011-12

Following are the highlights of Economic Survey 2011-12 :


  • Rate of growth estimated to be 6.9%.  Outlook for growth and stability is promising with real GDP growth expected to pick up to 7.6% in 2012-13 and 8.6% in 2013-14.
  • Agriculture and Services sectors continue to perform well. 2.5 % growth in Agro sector forecast. Services sector grows by 9.4 %, its share in GDP goes up to 59%.
  • Industrial growth pegged at 4-5 percent, expected to improve as economic recovery resumes.
  • Inflation on WPI was high but showed clear slow down by the year-end; this is likely to spur investment activities leading to positive impact on growth.  
  • WPI food inflation dropped from 20.2% in February 2010 to 1.6% in January 2012; calibrated steps initiated to rein-in inflation on top priority.
  • India remains among the fastest growing economies of the world. Country’s sovereign credit rating rose by a substantial 2.98 percent in 2007-12.
  • Fiscal consolidation on track - savings & capital formation expected to rise.
  • Exports grew @ 40.5% in the first half of this fiscal and imports grew by 30.4%. Foreign trade performance to remain a key driver of growth. Forex reserves enhanced - covering nearly the entire external debt stock.
  • Central spending on social services goes up to 18.5% this fiscal from 13.4% in 2006-07.
  • MNREGA coverage increases to 5.49 crore households in 2010-11.
  • Sustainable development and climate change concerns on high priority.


Download Economic Survey 2011-12: Economic Survey 2011-12
-------------------------------

आर्थिक समीक्षा 2011-12 की प्रमुख विशेषताएं: 

• विकास दर के 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान। 2012-13 में 7.6 प्रतिशत और 2013-14 में 8.6 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना के साथ सकल घरेलू उत्‍पाद वृद्धि में स्थिरता का अनुमान।
• कृषि और सेवा क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन जारी। कृषि क्षेत्र में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान। सेवा क्षेत्र में 9.4 प्रतिशत तक की वृद्धि और सकल घरेलू उत्‍पाद में इसका हिस्‍सा 59 प्रतिशत तक बढ़ा।
• आर्थिक वसूली में सुधार जारी रहने के मद्देनजर औद्योगिक वृद्धि दर चार से पाँच प्रतिशत तक रहने की उम्‍मीद।
• थोक मूल्‍य सूचकांक पर मुद्रास्‍फीति की दर उच्‍च रही लेकिन वर्ष के अंत तक इसके कम होने के स्‍पष्‍ट संकेत है; इससे निवेश की गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, जिसका विकास पर सार्थक प्रभाव पड़ेगा।
• थोक मूल्‍य सूचकांक खाद्य मुद्रास्‍फीति जनवरी 2012 में गिरकर 1.6 प्रतिशत रह गई है, जो फरवरी 2010 में 20.2 प्रतिशत थी। यह मुद्रास्‍फीति को नियंत्रित करने के लिए उच्‍च प्राथमिकता पर किये गये उपायों का प्रभाव है।
• भारत विश्‍व की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्‍यवस्‍थाओं में बना हुआ है। देश का राजकोषीय ऋण रेटिंग 2007-12 में 2.98 प्रतिशत बढ़ा।
• वित्‍तीय सुदृढीकरण जारी है : बचत और पूंजी निर्माण के बढ़ने की आशा है।
• इस वित्‍त वर्ष के पूर्वार्द्ध में निर्यात 40.5 प्रतिशत की दर से और आयात 30.4 प्रतिशत की दर से बढ़े। विदेश व्‍यापार निष्‍पादन विकास का मुख्‍य संचालक बना रहेगा। विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि होगी, जो लगभग समूचा विदेशी ऋण को समाप्‍त करेगा।
• इस वित्‍त वर्ष में समाजिक सेवाओं पर केन्‍द्रीय व्‍यय बढ़कर 18.5 प्रतिशत हो जायेगा जो 2006-07 में 13.4 प्रतिशत था।
• 2010-11मनरेगा के अ‍धीन 5.49 करोड़ परिवारों को लाया गया। 
• सतत विकास और जलवायु परिवर्तन को उच्‍च प्राथमिकता दी जायेगी। 

आर्थिक समीक्षा डाउनलोड करे:  आर्थिक समीक्षा 2011-12

Comments

Popular posts from this blog

मेटा विश्‍वविद्यालय (Meta University)

मेटा विश्‍वविद्यालय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने दिल्‍ली में मेटा विश्‍वविद्यालय स्‍थापित करने की योजना बनाई है। इसमें जामिया मिलिया संस्‍थान, दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय, जवाहरलरल नेहरू विश्‍वविद्यालय तथा भारतीय प्राद्यौगिकी संस्‍थान , नई दिल्‍ली भाग लेंगे।  मेटा विश्‍वविद्यालयों का मुख्‍य उद्देश्‍य नवीनतम प्रौद्योगिकी के इस्‍तेमाल से विभिन्‍न विश्‍वविद्यालयों द्वारा चलाए जा रहे पाठ्यक्रमों को साझा करना है जिससे छात्रों को लाभ पहुंचेगा। सरकार, उच्‍च शैक्षिक संस्‍थानों के शैक्षिक मामलों में दखल नहीं देती ।  मेटा विश्‍वविद्यालय द्वारा प्रस्‍तावित किए जाने पाठ्यक्रमों और क्षेत्रों की पहचान करने तथा आपस में सहयोग करने का निर्णय संस्‍थानों पर छोड़ दिया गया है।  मेटा विश्‍वविद्यालय में जलवायु परिवर्तन, जन स्‍वास्‍थ्‍य और शिक्षा के क्षेत्रों में शिक्षा दी जाएगी। शारीरिक रूप से उपस्थित हुए बगैर दूर रहकर शिक्षा ग्रहण करने, नवीन प्रक्रियाओं का लाभ उठाने तथा इसमें उपलबध लचीलेपन से मेटा विश्वविद्यालय दूसरी पीढ़ी के विश्‍वविद्यालयों को दर्शाता है।  अत: इन संस्‍थानों ...

Predictions about The Future of World Religions in 2050, and comparing with the year 2010

Pew Research Center has released a report on "The Future of World Religions: Population Growth Projections, 2010-2050" on April 02, 2015. The report predicted that the future of the world religions will change demographically. The fertility rate, youth population, stabilization programmes and other factors were kept in mind while preparing the report. Some of the salient points about the projections: The Muslims will reach near the populations of Christians in the world in the year 2050. The Hindus will constitute the fourth largest population group in the world, preceded by the Unaffiliated (Nastiks? ).  The share of Jews in the USA population will be outnumbered by the Muslims population. The India will have more Muslim population than the population of Muslims in the Indonesia, and thus have the largest Muslim population than any country in the world.  Countries with Buddhist population will witness a stability in the growth of the population, and thus overall t...

151 Lakh tonnes Additional Foodgrain Storage to be Created in 19 States

Creation of Additional Food-grain Storages in India The Government has formulated a scheme to Create 151 Lakh tonnes Additional Foodgrain Storage in 19 States . These Storages will be used for additional foodgrains, and will also reduce the storage under Cover and Plinth (CAP).  This Government of India Scheme has construction of storage godowns through  Private Entrepreneurs,  Central Warehousing Corporation (CWC) and  State Warehousing Corporations (SWCs).  Under the scheme, the Food Corporation of India would now give a guarantee of ten years for assured hiring to the private entrepreneurs . A capacity of about 151 lakh tonnes is to be created under the scheme in 19 states. Out of this as on 15.10.2011 tenders have been finalized for creation of storage capacity of 69 lakh tonnes by the private entrepreneurs .  Details of the storage capacities alloted to the states is as under: (Pl. note that, we have highlighted the...